Sunday, October 17, 2010

ख्वाहिश

लगूं मैं तुम्हारे सीने से
दिल मेरा बेक़रार हो जाये

अब तक होंठों ने जो कहा नहीं कुछ
आज होंठों की हार हो जाये

खुद से मेरा भरोसा टूटे तो
तुमपे बस ऐतबार हो जाये

रातें मेरी हों रातों की रानी
दिन हर मेरा बहार हो जाए

तुम से मिलने की एक ही ख्वाहिश
तुमसे मिलकर हजार हो जाए

यूँ लगूं मैं तुम्हारे सीने से
दिल मेरा बेक़रार हो जाये।

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