लगूं मैं तुम्हारे सीने से
दिल मेरा बेक़रार हो जाये
अब तक होंठों ने जो कहा नहीं कुछ
आज होंठों की हार हो जाये
खुद से मेरा भरोसा टूटे तो
तुमपे बस ऐतबार हो जाये
रातें मेरी हों रातों की रानी
दिन हर मेरा बहार हो जाए
तुम से मिलने की एक ही ख्वाहिश
तुमसे मिलकर हजार हो जाए
यूँ लगूं मैं तुम्हारे सीने से
दिल मेरा बेक़रार हो जाये।
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