Monday, September 27, 2010

अहसास

तेरे अहसास समझ लूं मैं, मुझको ऐसा अहसास मिले
नज़रों से दूर रहे तब भी, मुझे दिल के हरदम पास मिले
तेरे अहसास समझ लूं मैं

तेरे दर्द पे हर मेरी आहें हों, तेरे दिल के लिए मेरी राहें हों
कांटे न चुभें तेरे कदमों में ,तेरे कदमों तले मेरी बाहें हों
तेरा स्पर्श मिले मुझको, जब भी कोइ आभास मिले
नज़रों से दूर रहे तब भी, मुझे दिल के हरदम पास मिले
तेरे अहसास समझ लूं मैं

तेरे आंसू मेरी आँखों में हों, मेरी धड़कन तेरी साँसों में हो
किसी भी राह चलूँ मैं कहीं, तू मेरी हर राहों में हो
तू छुप के कभी देख लेना मुझे, तेरे बिन मेरी अखियाँ उदास मिले
नज़रों से दूर रहे तब भी, मुझे दिल के हरदम पास मिले
तेरे अहसास समझ लूं मैं

तेरी तड़प बसे मेरे सीने में, तो मज़ा मिले मुझे जीने में
कुछ रात तेरी यादों में जगकर, डूब जाऊं अश्क पीने में
कदमों में तेरे जमीं हो मेरी, बाहों में तेरी आकाश मिले
नज़रों से दूर रहे तब भी, मुझे दिल के हरदम पास मिले
तेरे अहसास समझ लूं मैं

तेरी हसीं पे मैं कुर्बान होऊं, तू सिसके तो मैं ऐ जान रोऊँ
इक तुझको पाकर रब पालूं, फिर चाहे सारा जहाँ खोऊँ
चाहे मेरे चमन से बहार जाए, मुझे तेरे निकट मधुमास मिले
नज़रों से दूर रहे तब भी, मुझे दिल के हरदम पास मिले
तेरे अहसास समझ लूं मैं

तू उदास होए तो खुशियाँ लाऊं, इक तेरी खातिर कुछ कर जाऊं
और तू न हो मेरे पास अगर, तेरे बिना मैं मर जाऊं
हो जीवन ये मेरा तेरे लिए, मुझे और न कोइ काश मिले
नज़रों से दूर रहे तब भी, मुझे दिल के हरदम पास मिले
तेरे अहसास समझ लूं मैं

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