Monday, September 6, 2010

हालात

अब हो गए हैं मेरे हालात कैसे- कैसे
तुमसे मिलकर हुए हैं जज्बात कैसे- कैसे

जिस रात तुम्हें देखा मेरा चाँद हुआ रौशन
मैंने गुजारी है वो अपनी रात कैसे- कैसे

फूलों ने कहा तुमसे मैं खुश्बू हूँ तुम्हारी
तुम तक पहुँच रही है मेरी बात कैसे- कैसे

मैं देखूं जहाँ तक भी मुझे तुम नज़र आते हो
मेरी तुमसे हो रही है मुलाक़ात कैसे- कैसे

तेरी आँखें मुझे ढूंढें, तेरे लब पुकारते हैं
मेरे दिल पे पड़े तेरे निशानात कैसे- कैसे
अब हो गए हैं मेरे हालात कैसे- कैसे
तुमसे मिलकर हुए हैं जज्बात कैसे- कैसे

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