मेरी दीवानगी नज़र आये
तेरी जब ये नज़र जिधर जाए
फूल बनके मैं खिलूँ जिस रंग का
रंग तुझमें सभी उतर जाये
मेरी दीवानगी नज़र आये
मैं लगूं आसमां जमीं तुझको
तू जो देखे कभी कहीं मुझको
चाहे रब ने बनाया जैसा भी
रूप मेरा तभी संवर जाए
तेरी जब ये नज़र जिधर जाए
मुझसे हो जिंदगी बसर तेरी
मैं बनूँ हाँ के रहगुजर तेरी
तेरा जब साथ मिले तुझ सी ही
मेरी भी जिंदगी गुजर जाए
मेरी दीवानगी नज़र आये
दीवानगी की हद, खुबसूरत अहसास , बधाई .....
ReplyDeleteमन के भावों की अच्छी अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteDhanyawaad Sunil ji aur Manoj ji
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