चाँद जैसे चहरे पे बिखरी हैं जो बादल बनी
उनकी जुल्फों की नज़र ये शाम कर दी जाएगी
वो अगर साया बनें तो कह दे उनसे ये 'अनाम'
रोशनी परछाइयों के नाम कर दी जाएगी
हाँ वो कह दें हम जहाँ में नाम कुछ पा जायेंगे
अपनी भी कहानी हर जगह पर आम कर दी जाएगी
भरी महफ़िल ले लें वो मेरा सलाम सच कहूँ
आशिकी रुसवाइयों के दाम कर दी जाएगी।
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