Thursday, January 20, 2011

तेरा रंग

दिल चीर के देखे कोई तेरा रंग निकलता है
मेरी नज़रों से पूछे कोई ये क्या गम है जो ढलता है
दिल चीर के देखे कोई तेरा रंग निकलता है

महसूस करूँ जो कुछ भी मैं
वो तूने नहीं मसूस किया
अब सिसकूं मैं रोऊँ या कुछ भी करूँ
हैरान हूँ जो दिल तुझको दिया
तेरा रस्ता जो रोके कोई मेरा साया संग चलता है
दिल चीर के देखे कोई तेरा रंग निकलता है

कुछ पास नहीं है मेरे
दिल जां साँसें सारी तुम्हें दीं
पर सबके बदले में अब मैंने
ये कौन सी मुश्किल ली
तेरा दिल चाहे धड़के कहीं मेरा नाम उछलता है
दिल चीर के देखे कोई तेरा रंग निकलता है

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