Friday, February 18, 2011

शरारत

मुझको इक बार शरारत का मज़ा लेने तो दो
तुमको जो मुझसे गिला उसकी सजा लेने तो दो
मुझको इक बार शरारत का मज़ा लेने तो दो

मैं न आया, था जो वादा तुम्हें है उसका गिला
मैं था आया तुम्हें मिला न मुझे उसका मजा
कितने शिकवे हैं तुम्हें उनका पता लेने तो दो
मुझको इक बार शरारत का मज़ा लेने तो दो

तेरी नज़रों में हैं कितने छलकते पैमाने
गिरते पल- पल तो हैं मदहोश सभी मयखाने
इतनी हसरत है जिसकी उसका नशा लेने तो दो
मुझको इक बार शरारत का मज़ा लेने तो दो

हम हैं कितने दीवाने तेरे ये तुम्हें क्या पता
हमने की जो भी खता उसके लिए अब न सता
जितना तरसा हूँ उसमें थोड़ा सता लेने तो दो
मुझको इक बार शरारत का मज़ा लेने तो दो

4 comments:

  1. अच्छी भावाभिव्यक्ति।

    ReplyDelete
  2. जितना तरसा हूँ उसमें थोड़ा सता लेने तो दो
    मुझको इक बार शरारत का मज़ा लेने तो दो


    अच्छा लिखा है -
    शुभकामनायें

    ReplyDelete
  3. इतनी हसरत है जिसकी उसका नशा लेने तो दो
    मुझको इक बार शरारत का मज़ा लेने तो दो

    सुंदर रचना ।
    एक निवेदन:
    कृप्या वर्ड वेरीफीकेशन हटा लें
    वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
    डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>
    Show word verification for
    comments?>
    इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें.
    बस हो गया..
    कितना सरल है न हटाना और उतना ही मुश्किल
    इसे भरना!! यकीन मानिये!!.

    ReplyDelete
  4. dhanyawaad aap sabhi ko. mujh se kai log yah kah chuke hain ki main word verification hata dun par main hindi typing nahin janati hun atah aap sabhi ko hone wali pareshaani ke liye kshama prarthi hun

    ReplyDelete