आँखों से उतर के दिल में मेरे घर बना लिया
इतना तो आसां न था मेरे दिल का रास्ता
रहने लगे हक-ब-हक खबर भी नहीं दी
इसी कोने में रहता था मैं फिकर भी नहीं की
अब तो जो हो रहा है वो नया सा है जज्बा
इतना तो आसां न था मेरे दिल का रास्ता
पहचान पूछता रहा अनजान जान बन गए
कर लिया कब्ज़ा खुदगर्ज बेईमान बन गए
दिल लेके हमें प्यार का सपना दिखा दिया
इतना तो आसां न था मेरे दिल का रास्ता
आँखों से उतर के दिल में मेरे घर बना लिया
इतना तो आसां न था मेरे दिल का रास्ता
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