Monday, November 15, 2010

जाने क्यों

जाने क्यों ----------
दिल लगा के कहीं खो दिया जाने क्यों
जाने क्यों ----

फासलों से नहीं हम डरे थे मगर
पास आकर ये दिल रो दिया जाने क्यों
जाने क्यों ----

हाले दिल जितने भी खींचे थे अम्बर पर
आँखों से बदली ने धो दिया जाने क्यों
जाने क्यों ----

है शिकायत यही रब ने भी क्या चली
मन भीगी यादों से भिगो दिया जाने क्यों
जाने क्यों ----

जब भी पलटे यही पाया वो था खड़ा
हर बार दिल जानकर भी उसको दिया जाने क्यों
जाने क्यों ----

2 comments:

  1. फासलों से नहीं हम डरे थे मगर
    पास आकर ये दिल रो दिया जाने क्यों
    जाने क्यों ----

    बहुत सुंदर पंक्तियां...

    http://veenakesur.blogspot.com/

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