यूं लगूं मैं तुम्हारे सीने से
दिल मेरा बेक़रार हो जाए
अब तक होंठों ने जो कहा नहीं कुछ
आज होंठों की हार हो जाए
खुद से मेरा भरोसा टूटे तो
तुमपे बस ऐतबार हो जाए
मसला मैंने जिसे कलियों की तरह
दिल में फिर वो ही प्यार हो जाये
रातें मेरी हों रातों की रानी
दिन हर मेरा बहार हो जाए
तुमसे मिलने की एक ही ख्वाहिश
तुमसे मिलकर हजार हो जाए
यूं लगूं मैं तुम्हारे सीने से
दिल मेरा बेक़रार हो जाए
Thanx Sushma ji
ReplyDeleteवाह....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर..
तुमसे मिलने की एक ही ख्वाहिश
तुमसे मिलकर हजार हो जाए
लाजवाब शेर....अनामिका जी और ज्यादा लिखा करें...
अनु
dhanyawaa Anu
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