Monday, July 8, 2013

रूद्र का प्रचण्ड अवतार।

बदहाली पर 'केदार' की
खुशहाल हुआ केदार,
माँ लौटी, लौटे पिता
देख प्रचण्ड अवतार रूद्र का
देख प्रचण्ड अवतार।

खुशहाली पर 'केदार' की
बेहाल हुआ करतार,
न पत्नी लौटी न बच्चा
उजड़ गया संसार ,

देख प्रचण्ड अवतार रूद्र का
देख प्रचण्ड अवतार।


मानो शिव ने खोल जटा
गंगा पृथ्वी पे बुलाई हो,
कभी न देखा इतने प्राणी लील
नदी हर्षाई हो।

पर आवेग देख तरणी का
ग्राम सभी जो विलुप्त हुए,
कोई जान सका न नदी में
कितने प्राणी सुप्त हुए।

बस जायगा फिर 'केदार'
धाम वहीं बन जाएगा,
फिर पूजा जाएगा शिव को
फिर मजमा लग जाएगा

पर करतार का पत्नी बच्चा
कभी न वापस आयेगा,
क्या करतार उन्हें लेने
'केदार' कभी फिर जाएगा


फिर खुशहाली पर 'केदार' की
बेहाल हुआ करतार,
न पत्नी लौटी न बच्चा
उजड़ गया संसार ,

देख प्रचण्ड अवतार रूद्र का
देख प्रचण्ड अवतार।