Friday, February 24, 2012

ख्वाहिश

यूं लगूं मैं तुम्हारे सीने से 
दिल मेरा बेक़रार हो जाए 

अब तक होंठों ने जो कहा नहीं कुछ 
आज होंठों की हार हो जाए 

खुद से मेरा भरोसा टूटे तो 
तुमपे बस ऐतबार हो जाए 

मसला मैंने जिसे कलियों की तरह 
दिल में फिर वो ही प्यार हो जाये 

रातें मेरी हों रातों की रानी 
दिन हर मेरा बहार हो जाए 

तुमसे मिलने की एक ही ख्वाहिश 
तुमसे मिलकर हजार हो जाए 

यूं लगूं मैं तुम्हारे सीने से 
दिल मेरा बेक़रार हो जाए